सुनो बड़ !
तुम्हें पूजती हैं औरतें इस मुल्क की
और तुम
पूरी करते हो
सबकी मनौतियाँ
इतना तो बताओ
तुमने कहाँ से माँगी मनौती
पतझड़ के विरुद्ध
हर बार हरे होने की।
सुनो बड़ !
तुम्हें पूजती हैं औरतें इस मुल्क की
और तुम
पूरी करते हो
सबकी मनौतियाँ
इतना तो बताओ
तुमने कहाँ से माँगी मनौती
पतझड़ के विरुद्ध
हर बार हरे होने की।