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पत्ता-1 / केशव

एक पत्ता
टूटकर
     शाख से
उड़ चला
आसमान की ओर

बन गया
आसमान के लिए
एक चुनौती

कहा पत्ते ने :
डरो नहीं
ईश्वर मुझे नहीं होना है
उतरना
है
मुझे
     धरती पर
आखिरकार

बस
अपने इस अनंत विस्तार को
अपने में
भर लेने दो