एक पत्ता
टूटकर
शाख से
उड़ चला
आसमान की ओर
बन गया
आसमान के लिए
एक चुनौती
कहा पत्ते ने :
डरो नहीं
ईश्वर मुझे नहीं होना है
उतरना
है
मुझे
धरती पर
आखिरकार
बस
अपने इस अनंत विस्तार को
अपने में
भर लेने दो