यह शहर पत्थरों का
पत्थरों का शहर
टूटी हुई सुबहें यहाँ
झुकी हुई शाम
जेलों से दफ़्तर के
शापित आराम
गाँठों की गलियों में
भरी -भरी बदबू
साफ़ हवा की जगह
पिएँ सभी ज़हर
पत्थरों का शहर
घुटते सम्बन्धों की
चर्चा बदनाम
धुएँ के छल्लों सा
जीना नाकाम
मछली के जालों-सी
बिछी हुई उलझनें
सतही शर्तों से सब
दबे हुए पहर
पत्थरों का शहर