तुम्हें जीना
और
महसूसना -प्रतिपल
कितना
सुखद है !
लेकिन
कितना मुश्किल
तुममें
कुछ
उगाना---
करती रही हूँ कोशिश
करूँगी आगे भी
जानते हुए
कि
असम्भव
है
पत्थर में कविता रचाना---
तुम्हें जीना
और
महसूसना -प्रतिपल
कितना
सुखद है !
लेकिन
कितना मुश्किल
तुममें
कुछ
उगाना---
करती रही हूँ कोशिश
करूँगी आगे भी
जानते हुए
कि
असम्भव
है
पत्थर में कविता रचाना---