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पत्थ्र जानता है / सांवर दइया

कोई आदमी अगर
पत्थर पर फेंकता है पत्थर
पत्थर पलटकर नहीं मारता पत्थर

पत्थर जानता हैं
पत्थर से देव होने का इतिहास
मालीपन्ने-सिन्दूर
मनौतियाँ-चुनौतियाँ
पूरी होती कामनाएँ
श्रद्धा का उमड़ता सैलाब

चरणों में शीश झुका
नमन करने वाले किसी भी आदमी को
भूला नहीं है पत्थर !