जिला जु आजमगढ़ अहै ता महँ एक बिचित्र।
ग्राम कोइरियापार के कवि द्विज रामचरित्र।
ताको कन्या एक मैं मूर्ति मूर्खता केरि।
कुलवंतिन-पद धूरि अस गुणवंतिन की चेरि॥
मम शिक्षक कोउ और नहिं निज ही पिता सुजान
कठिन! परिश्रम करि दियो विद्या-दान महान॥
जिला जु आजमगढ़ अहै ता महँ एक बिचित्र।
ग्राम कोइरियापार के कवि द्विज रामचरित्र।
ताको कन्या एक मैं मूर्ति मूर्खता केरि।
कुलवंतिन-पद धूरि अस गुणवंतिन की चेरि॥
मम शिक्षक कोउ और नहिं निज ही पिता सुजान
कठिन! परिश्रम करि दियो विद्या-दान महान॥