निरमोही कैसो जिय तरसावै।
पहले झलक दिखाय हमै कूँ अब क्यों बेगि न आवै।
कब सों तलफत मै री सजनी वाको दरद न आवै।
विष्णु कुँवरि दिल में आ करके ऐसो पीर मिटावै॥
निरमोही कैसो जिय तरसावै।
पहले झलक दिखाय हमै कूँ अब क्यों बेगि न आवै।
कब सों तलफत मै री सजनी वाको दरद न आवै।
विष्णु कुँवरि दिल में आ करके ऐसो पीर मिटावै॥