रूप परस्पर दोऊ लुभाने।
नैन बैन सब मोहि रहे हैं सब हैं हाथ बिकाने।
अधिक पिया प्यारी की छवि पर करत न कछु अनुमाने॥
प्रिया हुलस प्रीतम-अंग लागे बहुत उचक ललचाने।
विष्णु कुँवरि सखियाँ सब बोलीं मन मेरो उमगाने॥
रूप परस्पर दोऊ लुभाने।
नैन बैन सब मोहि रहे हैं सब हैं हाथ बिकाने।
अधिक पिया प्यारी की छवि पर करत न कछु अनुमाने॥
प्रिया हुलस प्रीतम-अंग लागे बहुत उचक ललचाने।
विष्णु कुँवरि सखियाँ सब बोलीं मन मेरो उमगाने॥