60
.राग कान्हरा
कौसिकके मखके रखवारे |
नाम राम अरु लखन ललित अति, दसरथ-राज-दुलारे ||
मेचक पीत कमल कोमल कल काकपच्छ-धर बारे |
सोभा सकल सकेलि मदन-बिधि सुकर सरोज सँवारे ||
सहस समूह सुबाहु सरिस खल समर सूर भट भारे |
केलि-तून-धनु-बान-पानि रन निदरि निसाचर मारे ||
ऋषितिय तारि स्वयम्बर पेखन जनकनगर पगु धारे |
मग नर-नारि निहारत सादर, कहैं बड़ भाग हमारे ||
तुलसी सुनत एक-एकनि सो चलत बिलोकनिहारे |
मूकनि बचन-लाहु, मानो अंधनि लहे हैं बिलोचन-तारे ||