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परदुःखकातरता / कात्यायनी

कभी कुछ भी तो नहीं किया
उनके लिए
जिनके लिए रोई बहुत।
रोई तो?
अब क्या उन्हें रोने के लिए
मेरी मृत्यु की प्रतीक्षा है?

रचनाकाल : जनवरी, 2000