परम गुरु राम मिलावनहार।
अति उदार, मजुल, मंगलमय, अभिमत-फलदातार॥
टूटी-ड्डूटी नाव पड़ी मम भीषण भव-नद-धार।
जयति-जयति जय देव दयानिधि! बेग उतारो पार॥
परम गुरु राम मिलावनहार।
अति उदार, मजुल, मंगलमय, अभिमत-फलदातार॥
टूटी-ड्डूटी नाव पड़ी मम भीषण भव-नद-धार।
जयति-जयति जय देव दयानिधि! बेग उतारो पार॥