Last modified on 17 अगस्त 2020, at 12:09

पराकाष्ठा / सुरेन्द्र डी सोनी

देख सको तुम
यौवन की
पराकाष्ठा...
इसलिए
आँधियाँ
अपने साथ
उड़ा ले गईं हैं
सभी खेजड़ियों की
चूनड़ियाँ..!