पराजय है प्रकाश की छाया
घेरे है जो मुझको
लेकिन भेद नहीं पाया
कहीं यह मेरी ही तो नहीं-
ख़ुद को पारदर्शी जो
बना नहीं पाया।
पराजय है प्रकाश की छाया
घेरे है जो मुझको
लेकिन भेद नहीं पाया
कहीं यह मेरी ही तो नहीं-
ख़ुद को पारदर्शी जो
बना नहीं पाया।