गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 20 जनवरी 2010, at 12:48
परित्यक्त स्त्री / रंजना जायसवाल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रंजना जायसवाल
»
जब मैं स्त्री हूँ
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
परित्यक्त स्त्री
किनारे का ठूँठ
गुज़र जाती हैं
कई नदियाँ
उसके आस-पास से
कोई पानी
उसे नहीं छूता।