हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
धोया धोया थाल परोस दिया भात जी
आओ आओ जीजाजी बैठो म्हारै साथ जी
बैठो म्हारै साथ बताओ थारी जात जी
बाप म्हारा बैली, माँ ए चिंडाल जी
चारों भाई चोरटा, बैण उदाल जी
बुआ म्हारी बगतन, मोड्या रै साथ जी
धोया धोया थाल परोस दिया भात जी
आओ आओ साला जी बैठो म्हारै साथ जी
बैठो म्हारै साथ बताओ थारी जात जी
बाप म्हारा राजा जी, माँ पटराणी जी
चारों भाई सत्तर साँ, बैण सुदाल जी
बुआ म्हारी सौदरा रसोइयाँ रै माए जी।
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( शारदा सैनी ( हाँसी ) के सौजन्य से प्राप्त