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पशु पंछी गोष्ठी / रामपुकार सिंह राठौर

सँपवा कहलक भाग सँपिनियाँ
अदमी आ रहलै हे
बघबा कहलक भाग बघिनियाँ
अदमी आ रहलै हे।

सियरा कहलक डरले काहे
अदमी हमरे जात
कुतवो कहलक पूँछ हिलावे
में हे हमरे साथ।

उड़ते उड़ते ऊहे ठैयाँ
पहुचल एगो गिद्ध
बोलल हमरे जैसन अदमी
कहलावऽ हे सिद्ध।

बगुला बोलल आज के अदमी
छिनलक हम्मर धेयान
बेगबा बोलल हमर बोल
जे बोले ओकरे मान।

सुगवा कहलक हमरो से
जोद हे निमक हराम
खरहा बोलल भैया
हमतो झुट्ठो ही बदनाम।

गदहा कहलक हमरो से
जादे ढोवऽ ह बोझा