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पश्चिमी बंगाल के दो रूप / केदारनाथ अग्रवाल


एक

पानी था
पानी में डूब गया
पानी का पेड़

दो

कागज है
कागज में कैद हुआ
कागज का प्रेत

रचनाकाल: २२-११-१९६७