Last modified on 26 अप्रैल 2009, at 01:16

पसीना हलाल करो / ऋषभ देव शर्मा

पसीना हलाल करो
काल महाकाल करो

तेल बना रक्त जले
हड्डियाँ मशाल करो

संगीन के सामने
खुरपी व कुदाल करों

महलों के बुर्जों पर
तांडव बेताल करो

कालिमा को चीर दो
दिशा-दिशा लाल करो

सबसे पहले अब हल
भूख का सवाल करो