गीत जब मुखरित हुए तब नाम जो मैने लिया
भारती माँ भारती पहले नमन तुमको किया
वेद मंत्रों की तरह बोला मैं वन्दे मातरम्
बस यही आशिष दो माँ, पाऊँ तुमको हर जनम
आँच ना आएगी तुमपे, मैं खड़ा हूँ ढाल सा
स्वर्ग उनको दीजिये, है स्वर्ग जिनकी लालसा
दौड़ता है बन लहूँ, जो मैने गंगाजल पिया
भारती माँ भारती पहले नमन तुमको किया
चूमकर माटी को गाता गीत स्वाभिमान के
जाने कितने हैं दबे किस्से यहाँ बलिदान के
खाए हैं सीने पर गोली जो वतन के वास्ते
गीत मैं उनके लिखूँगा इस चमन के वास्ते
शीश को अपने झुकाकर कह रहा हूँ शुक्रिया
भारती माँ भारती पहले नमन तुमको किया
याद है मुझको शिवा, झाँसी की रानी याद है
घास की रोटी में लिपटी सब कहानी याद है
याद है रंग दे बसंती कहके जो फाँसी चढ़े
याद है जो तोप से भी ना डरे, आगे बढ़े
मैं जलाता शब्द से ही उनके नामों का दिया
भारती माँ भारती पहले नमन तुमको किया