चुन्नू-मुन्नू देखो आई
मौसम की पहली बरसात,
गरमी से राहत देने को
लाई ठंडक का एहसास।
छतरी-रेनकोट लेकर ये
प्यारा सा मौसम आया,
गरम पकौड़ी खाने को है
मन सबका अब ललचाया।
टप-टप टपकें बूँदें जैसे
गिरते हों सच्चे मोती,
मानसून की ये बहार है
लाई खुशियों की थाती।