बरस भर वह
उगलता रहा मेरे मुँह पर
दिन भर का तनाव
हर शाम!
आज
नए बरस की पहली भोर
मैंने दे मारा
पूरा भरा पीकदान
उसके माथे पर!!
कैसा लाल - लाल उजाला
फ़ैल गया सब ओर!!!
बरस भर वह
उगलता रहा मेरे मुँह पर
दिन भर का तनाव
हर शाम!
आज
नए बरस की पहली भोर
मैंने दे मारा
पूरा भरा पीकदान
उसके माथे पर!!
कैसा लाल - लाल उजाला
फ़ैल गया सब ओर!!!