इतने बड़े शहर में
नहीं मिलता एक कमरा
एक गिलास पानी
और थोड़ी-सी तसल्ली
एक मेज़
इस्तेमाल करने के लिए अपनी तरह
एक कुर्सी बैठने को चुपचाप
खिड़कियाँ नहीं मिलतीं
काग़ज़ों पर पहले से ही कुछ लिखा होता है।
इतने बड़े शहर में
नहीं मिलता एक कमरा
एक गिलास पानी
और थोड़ी-सी तसल्ली
एक मेज़
इस्तेमाल करने के लिए अपनी तरह
एक कुर्सी बैठने को चुपचाप
खिड़कियाँ नहीं मिलतीं
काग़ज़ों पर पहले से ही कुछ लिखा होता है।