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पांच / नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह’

थूं कैयो- राम
उण कैयो- रहीम
गया परा दोनूं
पीठ फोर’र आप-आपरै घरां।
 
अबै काल नै होय जावै
कोई लांठी वारदात
तो इचरज ना कर्या
क्यूंकै आपणै बिचाळै
जलमगी है-
एक नवी बात।