मेरे मत होओ
पर अपने को स्थगित करो
जैसा कि मैं अपने सुख-दुःख का नहीं हुआ
दर्द अपना मैं ने खरीदा नहीं
न आनन्द बेचा;
अपने को स्थगित किया
मैं ने, अनुभव को दिया
साक्षी हो, धरोहर हो, प्रतिभू हो
जिया।
मेरे मत होओ
पर अपने को स्थगित करो
जैसा कि मैं अपने सुख-दुःख का नहीं हुआ
दर्द अपना मैं ने खरीदा नहीं
न आनन्द बेचा;
अपने को स्थगित किया
मैं ने, अनुभव को दिया
साक्षी हो, धरोहर हो, प्रतिभू हो
जिया।