एक जगत् रूपायित प्रत्यक्ष
एक कल्पना सम्भाव्य।
एक दुनिया सतत मुखर
एक एकान्त निःस्वर
एक अविराम गति, उमंग
एक अचल, निस्तरंग।
दो पाठ एक ही काव्य।
बर्कले (कैलिफ़ोर्निया), फ़रवरी, 1969
एक जगत् रूपायित प्रत्यक्ष
एक कल्पना सम्भाव्य।
एक दुनिया सतत मुखर
एक एकान्त निःस्वर
एक अविराम गति, उमंग
एक अचल, निस्तरंग।
दो पाठ एक ही काव्य।
बर्कले (कैलिफ़ोर्निया), फ़रवरी, 1969