आंख्यां ओसरै
चौमासौ
रळी करतां
खिंवती बीजळ
बरसता बादळ
इन्दरधनख
सतरंगी सुपना
मन में मंडै
मन में दुड़ै
आभौ पळकै
कोरो आरसी
नी मंडै बादळ
धोरी भटकै
निरजळ इग्यारसी।
पाणीं री कहाणी
पीढ्यां जाणी
आंख्यां छोड़
कठै पाणी?
आंख्यां ओसरै
चौमासौ
रळी करतां
खिंवती बीजळ
बरसता बादळ
इन्दरधनख
सतरंगी सुपना
मन में मंडै
मन में दुड़ै
आभौ पळकै
कोरो आरसी
नी मंडै बादळ
धोरी भटकै
निरजळ इग्यारसी।
पाणीं री कहाणी
पीढ्यां जाणी
आंख्यां छोड़
कठै पाणी?