Last modified on 21 जनवरी 2015, at 19:56

पानड़ पानड़ दिया बलऽ / निमाड़ी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पानड़ पानड़ दिया बलऽ,
थारा दिवलड़ा की लागी जागजोत रे,
आज म्हारा घर ओंकार देव पावणो।
ओंकार देव की मैया पूछऽ वातूली,
तू खऽ आज कूणऽ निवत्यो पूत रे,
आज म्हारा घर ओंकार देव पावणो।
मखऽ निवत्यो छे, अमुक भाई की माय,
जिमाड़्या छे दही अरू भात रे।
आज म्हारा घर ओंकार देव पावणो।