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पानी / मणि मोहन

मीलों दूर से
किसी स्त्री के सिर पर बैठकर
घर आया
एक घड़ा पानी....

प्रणाम
इस सफ़र को
इन पैरों को
इनकी थकन को

और अन्त में
प्रणाम
इस अमृत को ।