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पानी पर / प्रेमशंकर शुक्ल

पानी पर
थिरकता है पानी
(लहर बन)

इच्‍छा पर
नाचती है इच्‍छा
(बहर बन)

इस तरह
बड़ी झील को निहारना
संगीत हो जाता है