पानी बिना पियासल धरती तरसी गेल छै
मौसम भेलै कृपालु बरखा बरसी गेल छै
भू के हरीतिमा केॅ रौदा हरी लेनें रहै
मौसम खुशीयाली के परस्पर परसी गेल छै
बोहा देखै लेॅ पूलोॅ पर भीड़ छै कत्तेॅ
बारिश के उन्माद तेॅ जैसें चरष भेल छै
खेत में खेलै छै बुतरू सब घुबर घुबुर सन
पानी छिकै हौ अमृत तनमन हरषी गेल छै
कत्तो भी चाही लेॅ मिलथौं खुशी की एतना
लीला छिकै प्रभु के भूतल ससी गेल छै।