Last modified on 7 मार्च 2022, at 22:24

पायदान / हर्षिता पंचारिया

तुम्हारे पैरों तले बार बार रौंदने से
वह गंदे होते रहे,
फिर भी साफ़ करते रहे तुम्हारे पैर

“पायदान” मुख्य द्वार पर
उपस्थित रहते हुए भी धूल खाने में अव्वल रहें ।