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पास जिसके योगबल या साधना है / बाबा बैद्यनाथ झा

पास जिसके योगबल या साधना है
वह नहीं करता कभी भी याचना है

चाह लेता जो वही मिलता हमेशा
हाथ में उसके सदा हर कामना है

आज भी बरसात होगी देख लेना
मेघदल के योग से संभावना है

नायिका पहचान लेती भीड़ में भी
सामने का आदमी भी आशना है

वह पिघल सकता कहो फिर किसतरह से
सख़्त पत्थर का हृदय जिसका बना है

प्रेम जो दिल से करे खोजो उसे ही
देह का तो प्यार ‘बाबा' वासना है