पिंजड़ा मेॅ
खुबसूरत लागै छै सुग्गा।
डैनोॅ फैलावै छै,
मोड़ै छै, सिकौड़ै छै
आरो कखनूं
चोचोॅ सेॅ पिंजड़ा पकड़ी
लटकै छै झुलै छै।
आँखी के कोरोॅ सेॅ देखै छै-
केना बीतै छै एक-एक पल।
फड़फड़ाबै छै पंख
सही रहलोॅ छै दंश।
पिंजड़ा मेॅ
खुबसूरत लागै छै सुग्गा।
डैनोॅ फैलावै छै,
मोड़ै छै, सिकौड़ै छै
आरो कखनूं
चोचोॅ सेॅ पिंजड़ा पकड़ी
लटकै छै झुलै छै।
आँखी के कोरोॅ सेॅ देखै छै-
केना बीतै छै एक-एक पल।
फड़फड़ाबै छै पंख
सही रहलोॅ छै दंश।