पिछली सदी की दलदल पर
जब मैं
इस सदी की चौखट पर खड़ा होकर
फेंकता हूँ पत्थर
तब सारी दिशाओं के चेहरों पर
छींटे गिरते हैं
उधर
आने वाली सदी
अपनी निर्मलता के प्रमाण जुटाने लगती है
पिछली सदी की दलदल पर
जब मैं
इस सदी की चौखट पर खड़ा होकर
फेंकता हूँ पत्थर
तब सारी दिशाओं के चेहरों पर
छींटे गिरते हैं
उधर
आने वाली सदी
अपनी निर्मलता के प्रमाण जुटाने लगती है