लड़कियाँ खिलखिलाती हैं तेज धूप में
लड़कियाँ खिलखिलाती हैं तेज बारिश में
लड़कियाँ हँसती हैं हर मौसम में
लड़कियाँ पिता के बाद संभालती हैं पिता के पिता से मिली दुकान
लड़कियाँ वारिस हैं पिता की
लड़कियों नें समेट लिया है माँ को पिता के बाद
लड़कियाँ होती हैं माँ।
दुकान पर बैठी लड़कियाँ सुनती हैं पूर्वजों की प्रतिध्वनियाँ
उदास गीतों में वे ढूँढ लेती हैं जीवन-राग
धूप में, बारिश में, हर मौसम में खिलखिलाती हैं लड़कियाँ।