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पिता के लिए / नरेश अग्रवाल

हम उड़ेंगे एक दिन आकाश में
और मॉंग लायेंगे
देवताओं से
तुम्हारे लिए ढेर सारी खुशियॉं
रंग-बिरंगे सपने
और हॅंसता- खेलता स्वास्थ्य तुम्हारा
पिता फिर तुम मुस्कुराना
और तुम्हारी हॅंसी
बदल जायेगी हमारी हॅंसी में
जिसके बीच छुप जायेगा
हमारा अन्धकार तुम्हारे प्रकाश में
पिता इस प्रकाश के बीच
हमारे हृदय से झरेंगे
बहुत सारे श्रद्धा के फूल
नये-नये गीत प्रार्थना के
और प्रेम हमारा धूप की तरह
बिखरता जायेगा तुम्हारे चरणों में
तुम इन्हें देखो और कुछ कहो
इससे पहले ही
हम खुशियों के ऑंसू बनकर
बस जायेंगे तेरी ऑंखों में
तुम हॅंसो इससे पहले ही
हम मौजूद होंगे
कहीं न कहीं तुम्हारे होठों में
पिता तुम हमसे
कुछ कहो चाहे न कहो
हम मौजूद रहेंगे
हमेशा तुम्हारे साथ
एक साये की तरह ।