पिया फागुन बयार।
फागुन के डोली में लागलोॅ कहार
पिया फागुन बयार।
छिनमान ई रेशमी पटोरी रङ ससरै
धोलोॅ धुऐलोॅ सन लट्टोॅ रङ लहरै
बेसुध बनावै ज्यों पहिलोॅ टा प्यार
पिया फागुन बयार।
नैहरा रोॅ सुधिये रङ मन केॅ विसरावै
बेसुध जों देखै तेॅ आङ सहलावै
द्योरो सें बढ़ीकेॅ ई छँटलोॅ छिनार
पिया फागुन बयार।
ननदी रङ नाँचै छै ऐ’गनोॅ दुआरी
माँगै अछैतोॅ प्यार घिघनी उधारी
पालकी पर टांगी गेलै झिलमिल ओहार
पिया फागुन बयार।
-29.2.2000