Last modified on 30 सितम्बर 2015, at 06:04

पिल्ला / सफ़दर हाशमी

नीतू का था पिल्ला एक,
बदन पे उसके रुएँ अनेक।
छोटी टाँगें लंबी पूँछ
भूरी दाढ़ी काली मूँछ।
मक्खी से वह लड़ता था,
खड़े-खड़े गिर पड़ता था!

-साभार: दुनिया सबकी