अब आवाज़ से डरने लगा हूं
सांस में सिक्का उछालने जैसे
--स्वयं को बरजता
माथे में रुई धुनते हुए--
विदा का शब्द नहीं है।
अब आवाज़ से डरने लगा हूं
सांस में सिक्का उछालने जैसे
--स्वयं को बरजता
माथे में रुई धुनते हुए--
विदा का शब्द नहीं है।