Last modified on 20 अप्रैल 2011, at 12:32

पीढ़ी दर पीढ़ी / के० शिवारेड्डी

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: के० शिवारेड्डी  » पीढ़ी दर पीढ़ी

पिछवाड़े में
तीन साल का एक छोकरा
भय से घबराया खडा है

अंदर
उसकी माँ बर्तन माँज रही है
और दूर कहीं उसका बाप
शायद पत्थर तोड़ रहा होगा

जो कभी इस उम्र में
शायद इसी तरह खडा होता रहा होगा
यहाँ नहीं
बल्कि किसी अन्य घर के पिछवाड़े में ।

मूल तेलुगु से अनुवाद : संतोष अलेक्स