सरसराती पत्ती ने डाल से
मुक्ति तो माँगी थी
पर यह नहीं सोचा था
कि उस की माँग मान ली जाएगी।
यह मुक्ति क्या जाने मृत्यु हो
भरे वसन्त में-यह सोच
वह पीली पड़ गयी
और अन्त में थरथराती
झड़ गयी...
लखनऊ, 7 मार्च, 1981
सरसराती पत्ती ने डाल से
मुक्ति तो माँगी थी
पर यह नहीं सोचा था
कि उस की माँग मान ली जाएगी।
यह मुक्ति क्या जाने मृत्यु हो
भरे वसन्त में-यह सोच
वह पीली पड़ गयी
और अन्त में थरथराती
झड़ गयी...
लखनऊ, 7 मार्च, 1981