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पीली पत्ती : चौथी स्थिति / अज्ञेय

 सरसराती पत्ती ने डाल से
मुक्ति तो माँगी थी
पर यह नहीं सोचा था
कि उस की माँग मान ली जाएगी।
यह मुक्ति क्या जाने मृत्यु हो
भरे वसन्त में-यह सोच
वह पीली पड़ गयी
और अन्त में थरथराती
झड़ गयी...

लखनऊ, 7 मार्च, 1981