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पीले पानी की बूँदें / भूपिन्दर बराड़

छत से छूती थीं
पीले पानी की बूँदें
कोई शोर नहीं होता था

इत्ती गहरी थीं
उसके तीन बच्चों की आवाजें
उन्हें दुलारता
वह हंस नहीं सकता था बहरहाल