ठीक ही हुआ
बिखर गई मेरी पंखुड़ियाँ|
नहला गईं हवाओं को
अपनी खुशबू से|
मर कर भी
मैं मरा भी नहीं,
मिटा नहीं|
फिर से जी उठा
तुम्हारी साँसों में।
ठीक ही हुआ
बिखर गई मेरी पंखुड़ियाँ|
नहला गईं हवाओं को
अपनी खुशबू से|
मर कर भी
मैं मरा भी नहीं,
मिटा नहीं|
फिर से जी उठा
तुम्हारी साँसों में।