कहाँ जाती हैं
पुरानी यादें
प्लास्टर झड़ी दीवार की तरह
रहती हैं हर घड़ी आँखों के सामने
छत पर पुराने सीलिंग फैन की तरह
लटकी होती हैं
और घरघराती हैं पूरी रात
कहाँ जाती हैं
पुरानी यादें
प्लास्टर झड़ी दीवार की तरह
रहती हैं हर घड़ी आँखों के सामने
छत पर पुराने सीलिंग फैन की तरह
लटकी होती हैं
और घरघराती हैं पूरी रात