घर के गर्दो-गुबार की तरह
सूरज उगने से पहले
बुहारकर निकाल दूँ
सारे बीते दिन
गुज़री हुई यादें
इतनी दूर
कि हवा के साथ उड़कर वापस न आ सके
घर के गर्दो-गुबार की तरह
सूरज उगने से पहले
बुहारकर निकाल दूँ
सारे बीते दिन
गुज़री हुई यादें
इतनी दूर
कि हवा के साथ उड़कर वापस न आ सके