पुरुष घुसुर घुसुर धान कूटे, धइ अटकावे केस।
हम त धनिया जात बजरिया, का पठइबों सनेस।।
घनिया लतातर के पत्ता, झोरा में के गोली।
उजड़ाडीह के शंख, हाथी के दू दन्त।।
पुरुष घुसुर घुसुर धान कूटे, धइ अटकावे केस।
हम त धनिया जात बजरिया, का पठइबों सनेस।।
घनिया लतातर के पत्ता, झोरा में के गोली।
उजड़ाडीह के शंख, हाथी के दू दन्त।।