अभी थीं
अब नहीं हैं लड़कियां
पुल पर,
इतनी आंखों में
अटककर भी।
एक झुकी थी नदी की तरफ
दूसरी ने थामा था
गहली वाली ने पकड़ा था
उलट-पलट।
नदी की तरफ
हम देख रहे थे
सड़क दौड़ रही थी
अभी तक थीं
कहां से यहां तक थीं
दो लड़कियां
पुल पर-
एकाएक हवा हो गई थीं
लड़कियां।