होती है पूजा
अमीरों के घर
ऽाने के लिए नहीं
पहनने के लिए नहीं
रहने के लिए नहीं
उजाड़ने के लिए बस्तियाँ
मिटाने के लिए संस्कृतियाँ
दुऽाने के लिए दिल
बनने के लिए चील
ताकि
वह छीन कर
पा सकें आकाश
जाए न कोई पास।
होती है पूजा
अमीरों के घर
ऽाने के लिए नहीं
पहनने के लिए नहीं
रहने के लिए नहीं
उजाड़ने के लिए बस्तियाँ
मिटाने के लिए संस्कृतियाँ
दुऽाने के लिए दिल
बनने के लिए चील
ताकि
वह छीन कर
पा सकें आकाश
जाए न कोई पास।