पूनम के रात है
धान के गट्टा में चाँद बुजबुजा है
झूरा में उठा लाब हम एके
ओइसे गिर जाए दरारा में
ऊपर बादर चाँद के टोप देइस
हमार खेतवा में जौन रहा चल गइल धीरे से
पता न कौन सन्देश है इ
आज हमार घर हम्मे प्यारा लगे।
पूनम के रात है
धान के गट्टा में चाँद बुजबुजा है
झूरा में उठा लाब हम एके
ओइसे गिर जाए दरारा में
ऊपर बादर चाँद के टोप देइस
हमार खेतवा में जौन रहा चल गइल धीरे से
पता न कौन सन्देश है इ
आज हमार घर हम्मे प्यारा लगे।