कल लड़े थे हम
दुश्मनी के साक्षात प्रतीक बन
खड़े थे हम
आज प्यार किया हमने
नए बने प्रेमियों की तरह
ये दुश्मनी और ये प्रेम
घर में बने दो दरवाज़े हैं
सरसराया करते हैं हम
जिनमें हवाओं की तरह...।
कल लड़े थे हम
दुश्मनी के साक्षात प्रतीक बन
खड़े थे हम
आज प्यार किया हमने
नए बने प्रेमियों की तरह
ये दुश्मनी और ये प्रेम
घर में बने दो दरवाज़े हैं
सरसराया करते हैं हम
जिनमें हवाओं की तरह...।